Use Farooq Kehte Hain Lyrics ( Manqabat )| Hafiz Tahir Qadri Lyrics
Use Farooq Kehte Hain Lyrics |
Song Name | Use Farooq Kehte Hain Lyrics |
Singer(s) | Hafiz Tahir Qadri & Hafiz Ahsan Qadri |
Composer(s) | Hafiz Tahir Qadri |
Lyricist(s) | Azhar |
Music(s) | None |
Album | Manqabat e Farooq e Azam |
Music Label | Hafiz Tahir Qadri |
Use Farooq Kehte Hain Lyrics in Hindi
सलाम सलाम सलाम...
सलाम या उमर
या उमर या उमर
या उमर या उमर...
उमर का दामन ना छोडेंगे
उमर का दामन ना छोडेंगे...
ज़माना जनता है की मुरादे मुस्तफा हैं वो
निराली शान है उसकी खलीफा दूसरा है वो
अली भी जिसका हो जाए, उसे फारूक कहते हैं
जो दर काबे का खुलवाए, उसे फारूक कहते हैं।
गली गली नगर नगर
उमर उमर उमर उमर...
सितारों के बराबर नेकियां जिसकी बताते हैं
जिसे सिद्दीक़े अकबर जानशीं अपना बनाते हैं
जिसे फारूक कहकर प्यार से आका़ बुलाते हैं
जिसे दुनिया में जन्नत की बशारत भी सुनाते हैं
नसीबा ऐसा जो पाए, उसे फारूक कहते हैं
जो दर काबे का खुलवाए, उसे फारूक कहते हैं।
जिधर से देखिये फारूक, एक दफा गुज़र जाएं
नहीं शैतान के हिम्मत, की भूले से इधर जाएं
उमर तो नाम है ऐसा, मुनाफिक़ सुनकर डर जाए
उमर की मनकबत पढ़ दो, सबाई जल के मार जाएं
वो जिसका रोब छा जाए, उसे फारूक कहते हैं
जो दर काबे का खुलवाए, उसे फारूक कहते हैं।
उमर का दामन ना छोडेंगे
उमर का दामन ना छोडेंगे...
हदीस पाक में नामे उमर मनकूल है लोगों
उमर बाग़े रिसालत का हंसी एक फूल है लोगों
उमर सारे ज़माने में बहुत मकबूल है लोगों
उमर का नाम दुश्मन के लिए छितरोल है लोगों
मुनाफिक जिनसे घबरायें, उसे फारूक कहते हैं
जो दर काबे का खुलवाए, उसे फारूक कहते हैं।
गली गली नगर नगर
उमर उमर उमर उमर...
उमर फारूक़ का रुतबा सहबा में निराला है
उमर के अदल का गैरों में भी मिलता हवाला है
उमर की जुर्रते पैहम के आगे ख़म हिमाला है
उमर के नाम का अजहर जहां में बोल बाला है
जो जारी नील कर जाए, उसे फारूक कहते हैं
जो दर काबे का खुलवाए, उसे फारूक कहते हैं।
गली गली नगर नगर
उमर उमर उमर उमर...
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